लोमड़ी और कौआ
जंगल में इक लोमड़ी रहती
मीठी-मीठी बातें कहती
बातों से सबको मोह लेती
मीठी बनकर ही ठग लेती
देखती रहती ऐसा मौका
जब दे सके दूसरो को धोखा
बातों में सारे आ जाते
बाद में खुद को मूर्ख पाते
इक दिन तो लोमड़ी ने देखा
कौआ इक टहनी पर बैठा
रोटी उसने मुँह में दबाई
देख के लोमडी भी ललचाई
किसी तरह से लेगी रोटी
थी लोमड़ी की नियत खोटी
जाकर बोली कौए भैया
बैठूँगी मैं वृक्ष की छैया
गरमी में मिलेगी राहत
पर मेरे मन में इक चाहत
सुनाओगे तुम जो मीठा गाना
होगा यह मौसम भी सुहाना
गरमी में मीठा संगीत
सुना दो मुझे जान के मीत
लोमड़ी ने तो की चतुराई
पर कौए को समझ में आई
लेना चाहती है वो रोटी
है लोमड़ी की नियत खोटी
यह तो है लोमड़ी की चाल
नहीं है उसे गाने का ख्याल
कौआ धोखा न खाएगा
चालाकी से समझाएगा
रोटी उसने पैर में दबाई
काँ-काँ की आवाज़ सुनाई
बहुत से कौए आ गए सुनकर
काँ-काँ करने लगे सब मिलकर
लगे वो लोमड़ी पर मँडराने
इधर-उधर से उसे सताने
दुम दबा के लोमड़ी भागी
और सबको ही समझ में आ गई
............................
मीठी बातों में नहीं आना
किसी के हाथों न खुद को लुटाना
..........................
बच्चो तुम भी बात समझना
किसी के धोखे में न आना
तुम्हारी सीमा सचदेव
जंगल में इक लोमड़ी रहती
मीठी-मीठी बातें कहती
बातों से सबको मोह लेती
मीठी बनकर ही ठग लेती
देखती रहती ऐसा मौका
जब दे सके दूसरो को धोखा
बातों में सारे आ जाते
बाद में खुद को मूर्ख पाते
इक दिन तो लोमड़ी ने देखा
कौआ इक टहनी पर बैठा
रोटी उसने मुँह में दबाई
देख के लोमडी भी ललचाई
किसी तरह से लेगी रोटी
थी लोमड़ी की नियत खोटी
जाकर बोली कौए भैया
बैठूँगी मैं वृक्ष की छैया
गरमी में मिलेगी राहत
पर मेरे मन में इक चाहत
सुनाओगे तुम जो मीठा गाना
होगा यह मौसम भी सुहाना
गरमी में मीठा संगीत
सुना दो मुझे जान के मीत
लोमड़ी ने तो की चतुराई
पर कौए को समझ में आई
लेना चाहती है वो रोटी
है लोमड़ी की नियत खोटी
यह तो है लोमड़ी की चाल
नहीं है उसे गाने का ख्याल
कौआ धोखा न खाएगा
चालाकी से समझाएगा
रोटी उसने पैर में दबाई
काँ-काँ की आवाज़ सुनाई
बहुत से कौए आ गए सुनकर
काँ-काँ करने लगे सब मिलकर
लगे वो लोमड़ी पर मँडराने
इधर-उधर से उसे सताने
दुम दबा के लोमड़ी भागी
और सबको ही समझ में आ गई
............................
मीठी बातों में नहीं आना
किसी के हाथों न खुद को लुटाना
..........................
बच्चो तुम भी बात समझना
किसी के धोखे में न आना
तुम्हारी सीमा सचदेव
लोमडी और कौए की कहानी
जवाब देंहटाएंकविता के रूप में पढ़कर आनंद आ गया .
वाह धन्यवाद्.
पढकर खुद को तो अच्छा लगा। और अपनी बेटी को भी सुनाऐगे। उसको कहानी सुनने को बहुत शौक हैं। आपका प्रयास बहुत अच्छा हैं।
जवाब देंहटाएंआपकि कविता "लोमडी और कौआ" लेखनी, बच्चो और आम लोगो कि विचारो से करीब है इस बात से मै प्रभावित हु। आशा करता हु कि आप आगे भी लिखती रहेगी।
जवाब देंहटाएंएवम आपके स्वस्थ्य प्रसन्ता कि कामना करता हु। समय समय पर आपके विचारो कि अपेक्षा रखता हु।
हार्दिक मगलकामनओ सहीत
बहुत ही सुंदर लगी आप की यह कविता, बच्चो को अब ऎसी कहनियां ओर कविताये शायद ही सुननए को मिलती हो.आप की सभी कविताये बहुत ही प्रेणादयक है.
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
bahut acchi kahani bachhoan aur badoan ke liye bhi
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी कविता. कहानी का कविता के माध्यम से प्रस्तुतिकरण दिलचस्प है.
जवाब देंहटाएंसुन्दर कविता।
जवाब देंहटाएं