अरे! अभी तो शुरू हुई थीं
गर्मी की छुट्टियाँ ख़तम?...
साथ सभी के खेल न पाया।
सबसे बैठा मेल न पाया।
मिले खिलौने इतने सारे
मन को मोहें प्यारे-प्यारे।
तुम कहती हो-'इन्हें भूल जा'
मेरी होतीं आँखें नम।
अरे! अभी तो शुरू हुई थीं
गर्मी की छुट्टियाँ ख़तम?...
अंशू-मिन्शू, नेहा-मुनिया।
किन्शू, शंकी,चिंकी, गुडिया।
सनी-हनी, अर्णव, प्रियंक संग।
शौर्य, मेघना औ' मयंक संग।
सोनल किससे ज्यादा खेले?
किससे बोलो खेले कम?
अरे! अभी तो शुरू हुई थीं
गर्मी की छुट्टियाँ ख़तम?...
खेल-खेल में पढ़ लें पाठ।
बोलो तब हों कैसे ठाठ?
कक्षा नहीं बगीचे जाएँ।
मैडम को हम पाठ पढाएँ।
करे शरारत सारे मिलकर
हो तब उनकी नाक में दम।
अरे! अभी तो शुरू हुई थीं
गर्मी की छुट्टियाँ ख़तम?...
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bahut badhiya Bal geet. abhaar
जवाब देंहटाएंखेल-खेल में पढ़ लें पाठ।
जवाब देंहटाएंबोलो तब हों कैसे ठाठ?
कक्षा नहीं बगीचे जाएँ।
मैडम को हम पाठ पढाएँ।
करे शरारत सारे मिलकर
हो तब उनकी नाक में दम।
अरे! अभी तो शुरू हुई थीं
गर्मी की छुट्टियाँ ख़तम?...
बहुत बढ़िया ---बच्चों को तो जितनी भी छुट्टियाँ मिलेंगी कम पड़ जायेंगी...आचार्य जी सुन्दर बालगीत के लिए बधाई स्वीकारें.
हेमंत कुमार