हरे भरे देखो ये पेड़,
कितने प्यारे देखो पेड़,
हवा से झूमें नाचें पेड़,
हमको जीवन देते पेड़।
धूप में चलकर जब थक जाते,
हमको गोद में लेते पेड़,
मन्द हवा की थपकी देकर,
मीठी नींद सुलाते पेड़ ।
घर के खिड़की या दरवाजे,
कुर्सी मेजें बड़ी चौकियां,
मीठे फ़ल से भरे टोकरे,
हमको लाकर देते पेड़।
हरे भरे देखो ये पेड़,
कितने प्यारे देखो पेड़।
******
हेमन्त कुमार
कितने प्यारे देखो पेड़,
हवा से झूमें नाचें पेड़,
हमको जीवन देते पेड़।
धूप में चलकर जब थक जाते,
हमको गोद में लेते पेड़,
मन्द हवा की थपकी देकर,
मीठी नींद सुलाते पेड़ ।
घर के खिड़की या दरवाजे,
कुर्सी मेजें बड़ी चौकियां,
मीठे फ़ल से भरे टोकरे,
हमको लाकर देते पेड़।
हरे भरे देखो ये पेड़,
कितने प्यारे देखो पेड़।
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हेमन्त कुमार
पेडों के बारे में सुंदर कविता।
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंSundar rachna.Hemant ji ki
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