बिल्ली बोली म्याउं म्याउं
दूध पियुं या चूहे खाउं
व्रत रखूं या संडे मनाउं
या डॉगी को खूब छकाउं
गंगा में या जा नहाऊं
नहीं तो राजनीति अपनाऊं
बिल्लियों की आवाज़ उठाऊं
या फ़िर जंगल में बस जाऊं
किसी के घर पर कभी न आऊं
नहीं तो राजनीति अपनाऊं
बिल्लियों की आवाज़ उठाऊं
या फ़िर जंगल में बस जाऊं
किसी के घर पर कभी न आऊं
या फ़िर माया नगरी जाऊं
फ़िल्मों में जा नाम कमाऊं
या फ़िर खोलुं अस्पताल
करूं मैं चूहों का इलाज़
फ़िल्मों में जा नाम कमाऊं
या फ़िर खोलुं अस्पताल
करूं मैं चूहों का इलाज़
या कुत्ते के बच्चे पालुं
काम से पैसा खूब कमा लूं
या फ़िर शेर को जा पढाऊं
पेड के ऊपर चढना सिखाऊं
काम से पैसा खूब कमा लूं
या फ़िर शेर को जा पढाऊं
पेड के ऊपर चढना सिखाऊं
या फ़िर बन जाऊं मैं डांसर
उंगलियों पर नचाऊं बंदर
देखे सपने बहुत हसीन
पांव पडें न पर ज़मीन
या फ़िर माया नगरी जाऊं
जवाब देंहटाएंफ़िल्मों में जा नाम कमाऊं
या फ़िर खोलुं अस्पताल
करूं मैं चूहों का इलाज़
.........
बहुत बढ़िया.
शानदार कविता........."
जवाब देंहटाएंवाकई में शानदार बाल कविता है!
जवाब देंहटाएंइसकी चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी है!
http://charchamanch.blogspot.com/2010/03/blog-post_31.html