अंतरमन की शुद्धि से, मिट जावें सब पाप
अपनी भूलों पर करे , जो दिल से पश्चाताप
दिल से पश्चाताप , मन संताप मिटावे
हो जाए जो भूल , क्षमा से मुक्ति पावें
कह सीमा समझें सबको ही उत्तम जन
बस क्षमा से हो जाता शुद्ध अंतरमन
अपनी भूलों पर करे , जो दिल से पश्चाताप
दिल से पश्चाताप , मन संताप मिटावे
हो जाए जो भूल , क्षमा से मुक्ति पावें
कह सीमा समझें सबको ही उत्तम जन
बस क्षमा से हो जाता शुद्ध अंतरमन
कह सीमा सबको ...अध्यात्म की तरफ बढ़ते कदम!!
जवाब देंहटाएंनमन आपको सदविचारों के लिए एक भक्त का!! :)
नमस्कार समीर जी , आपकी आभारी हूं कि आप नन्हामन पर आना भूलते नहीं हैं । रही बात अध्यात्म की तो मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं है , यह तो महावीर स्वामी जी की शिक्षाओं पर आधारित है और कुण्ड्ली में है तो वहां अपना नाम स्वाभाविक ही आ ही जाता है , मैं इसे बदलने का प्रयास करुंगी , ध्यान दिलाने के लिए धन्यवाद...सीमा सचदेव
जवाब देंहटाएंसुन्दर भावों से सजी रचना ..जो एक अच्छी शिक्षा प्रदान करने वाली है....
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