चिंटू-मिंटू दो जुडवां भाई थे । दोनों की शक्ल भी एक जैसी ही थी और दोनों ही बहुत शैतान थे । वे अकसर दूसरे बच्चों संग झगडा करते रहते ।उनकी मां उन दोनों की हरकतों से बहुत परेशान रहती , पापा उनको ओछी हरकत करने से बहुत मना करते और स्कूल में अध्यापक भी समझा-समझा कर थक चुके थे लेकिन उन दोनों के कानों पर जूं तक न रेंगती । कक्षा में सारे बच्चे उन दोनों से डरते थे , लेकिन किसी का भी बस न चलता कि उन दोनों को कोई सबक सिखा सके ।
एक बार चिंटू बीमार पड गया तो मिटू अकेले ही स्कूल गया । मिंटू को अकेले स्कूल में देखकर सब बच्चों ने उसे सबक सिखाने की तरकीब लगाई-कि कोई भी मिंटू से बात नहीं करेगा , न ही उसके साथ कोई खाना खाएगा और न ही उसके संग में कोई खेलेगा । कक्षा में भी उसके साथ कोई भी बैठने को तैयार नहीं था । अब भला मिंटू कितनी देर तक चुप कैसे रहता? उसने थोडी देर तो

सब्र किया फ़िर अपने सहपाठियों को बुलाया लेकिन किसी ने भी उसे जवाब नहीं दिया बल्कि सबने उसे देखकर मुंह फ़ेर लिया ।किसी तरह से मिंटू नें चुपचाप ही पूरा दिन बिताया और जब घर वापिस आया तो घर के एक कोने में बैठ कर जोर-जोर से रोने लगा । मिंटू को रोते को देखकर चिंटू को बहुत गुस्सा आया ।
वह बोला- "बोलो तुम्हें किसी ने मारा या तेरे साथ किसी नें झगडा किया , मै उसे सबक सिखाऊंगा , मुझे उसका नाम बताओ "
चिंटू को ऐसी बातें करते देख मिंटू ने उसे दिनभर की सारी बात बता दी और उसे समझाया कि हमें अब यह लडाई-झगडा त्याग देना चाहिए क्योंकि हमें भी दूसरों की जरूरत होती है । हम दूसरों के काम आएंगे , तभी तो दूसरे हमारे काम आएंगे । बात मिंटू की भी समझ में आ गई , और आगे से दोनों ने सबके साथ मिलकर रहने और लडाई-झगडा न करने का निर्णय लिया । वो दोनो अच्छे बच्चे बन गए ।
शिक्षा:- हमें मिलजुल कर रहना चाहिए ।
अरे वाह ! कितनी अच्छी कहानी है....."
जवाब देंहटाएंसंदेशयुक्त कहानी को पढकर बचपन याद आ गया .
जवाब देंहटाएंwow !!!!!!!!!!!!!
जवाब देंहटाएंitna sara gil akr diya aap ne
bahut ache photo he
shekhar kumawat
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