
इक जंगल में था इक शेर
देखा उसने आम का पेड़
घनी थी आम वृक्ष की छाया
देख के शेर के मन में आया
क्यों न वह यहाँ रह जाए
अपना अच्छा समय बिताए
पास में था चूहे का बिल
आया देख के बाहर निकल
देखा उसने सोया शेर
नहीं लगाई जरा भी देर

चढ़ गया उसकी पीठ पर
लगा कूदने शेर के ऊपर
खुल गई इससे शेर की जाग
लग गई उसके बदन मे आग
छुप गया चूहा अब बिल में
जला शेर दिल ही दिल में
उसने बिल्ली को बुलाया
और चूहे का किस्सा सुनाया
जैसे भी चूहे को मारो
तब तक मेरे यहाँ पधारो
खाना तुमको मैं ही दूँगा
हर पल तेरी रक्षा करूँगा
बिल्ली ने मानी शेर की बात
रहती बिल के पास दिन-रात
अच्छे-अच्छे खाने खाती
और बाकी सबको सुनाती

मैं तो हूँ तुम सबसे सयानी
समझने लगी वो खुद को रानी
बैठा चूहा बिल के अन्दर
नहीं निकला कुछ दिन तक बाहर
भूख से वह हो गया बेहाल
पर बाहर था उसका काल
कितने दिन वो भूख को जरता
भूखा मरता क्या न करता
कुछ दिन बाद वो बाहर निकला
और बिल्ली को मिल गया मौका
चूहे को उसने मार गिराया
जाकर शेर को सब बतलाया
शेर का मसला हो गया हल
बदल गई आँखे उसी पल
बोला! जाओ तुम अपनी राह
नहीं रखो कोई मुझसे चाह
अब न तुमको मिलेगा खाना
मेरे पास कभी न आना
अब बिल्ली ने जाना राज
मतलब से मिलता है ताज़
मतलब से सब पास मे आएँ
बिन मतलब न कोई बुलाए
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हिन्दी चिट्ठाजगत में आपका हार्दिक स्वागत है. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाऐं.
जवाब देंहटाएंएक निवेदन: कृप्या वर्ड वेरीफिकेशन हटा लें तो टिप्पणी देने में सहूलियत होगी.
ब्लॉग जगत में आपका हार्दिक स्वागत है, एक अर्ज है कि वर्ड वेरिफ़िकेशन हटा दें, यह व्यवधान उत्पन्न करता है… मेरी शुभकामनायें…
जवाब देंहटाएंस्वागत है आपका ब्लोगिंग जगत में.
जवाब देंहटाएंचिट्ठाजगत में आपका हार्दिक अभिनन्दन है, आपकी लेखनी का स्वाद लेना शेष है शीघ्र ही एक अन्य टिप्पणी आपके ब्लाग पर होगी !आपसे अनुरोध है कि मेरे ब्लाग पर भी भ्रमण करें और अच्छी या बुरी जैसी भी पाठ्य सामग्री हो टिपण्णी अवश्य दें!
जवाब देंहटाएंअरे वाह, कमाल है। बच्चों पर लिखने वाले वैसे भी कम हैं। फिर आप दक्षिण भारत में हैं, हिंदी में लिखती है, अध्यापिका हैं, आप को शत-शत नमन। सचमुच बच्चों के लिए हर कोई नहीं लिख सकता। आप बहुत अच्छा काम कर रही हैं। इस ब्लॉग का प्रचार होना चाहिए।
जवाब देंहटाएंआप सबका हार्दिक धन्यवाद....सीमा सचदेव
जवाब देंहटाएंwaah aapka nanha man bahut bhaya...
जवाब देंहटाएंlikhte rahen .....mere blog par bhi padharen...
Jai Ho Magalmay ho...
Good, keep it up.
जवाब देंहटाएं-----------------------"Vishal"
आपने बहुत अच्छा लिखा है ।
जवाब देंहटाएंभावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहिए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लिए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
www.zindagilive08.blogspot.com
आर्ट के लिए देखें
www.chitrasansar.blogspot.com
wah jee wah, narayan narayan
जवाब देंहटाएंआपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है। आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे । हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
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