आओ मेरे साथ ,मै मिलवाती हूँ आपको एक परियोँ की शहजादी से
बताना जरूर आपको परियोँ की शहजादी से मिलना कैसा लगा.....?
परियों की शहजादी
मैं शहज़ादी परियों की हूँ
आसमान में मेरा घर
राहों में मेरी बिछे सितारे
मेरा पता है चाँद नगर
मैं कलियों सी सुन्दर कोमल
चाहूँ जहाँ पे जाती हूँ
हवा के संग में बातें करती
नीलगगन में उड़ती हूँ
हरी भरी धरती को देखूँ
आसमान में बादल को
देखूँ नदियाँ झरने पर्वत
और पेड़ों की हलचल को
कुदरत का संगीत मैं सुनती
देखूँ इसकी सुन्दरता
फूलों से खुशबू लेती हूँ
और भँवरों से चंचलता
नन्हे बच्चे मुझको भाते
और भाता है भोलापन
न दुनियादारी न झँझट
कितना प्यारा यह बचपन
मन में मैल नहीं बच्चों के
न ही कुछ खोने का डर
राहों में मेरी बिछे सितारे
मेरा पता है चाँद नगर
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वाह बहुत प्यारी कहानी सुनवाई है।
जवाब देंहटाएंकाश ये पूरी दुनिया बड़ी न हो पाती !
जवाब देंहटाएंअरे वाह.. आप तो सचमुच बाल कविताओं की मर्मज्ञ हैं.. पढ़कर अच्छा लगा।
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