
प्रणाम तुझे भारत माता
प्रणाम तुझे भारत माता
तेरे गुण सारा जग गाता
अनुपम तेरी जीवन गाथा
संघर्षरत रह कर तुमने
अपना यह नाम कमाया है
अपने ही भुजबल से तुमने
अपने को उँचा उठाया है
हम नमन् तुम्हें करते-करते
इतिहास तेरा पढ़ते-पढ़ते
मस्तक श्रद्धा से झुकता है
बस याद तुम्हें करते-करते
वैदिक युग की महारानी तुम
युग परम्परा की परवक्ता
सभय-संस्कृति का मेल तुम्हीं
स्वराज्य यहाँ राज्य करता
लौकिक युग की शहज़ादी को
पलकों पे बिठाया जाता था
दे कर सनडर रूप तुम्हें
जब भाग्य जगाया जाता था
मध्य युग में अर्धांगिनी का
रूप तुम्हें जब दे ही दिया
तो भी तुमने चुपचाप रह
अपने उस रूप को वरण किया
पैरों की दासी बना दिया
जब भारत की महारानी को
तब कौन सहन कर सकता है
माँ की ऐसी कुर्बानी को
कोई बेटा नहीँ यह सह सकता
माँ को दासी नहीँ कह सकता
फिर तेरे बेटों ने ठान ली
माँ की ममता पहचान ली
निकले फिर माँ के रखवाले
सचमुच ही थे वो दिलवाले
बाँध लिया था कफ़न सिर पर
और उठा लिया माँ को मरकर
उन वीरों ने जो खून दिया
और इतना बड़ा बलिदान दिया
कितना वो माँ को चाहते हैं
मर करके यही सबूत दिया
माँ को आज़ाद करा ही दिया
दुश्मन को घर से भगा ही दिया
रक्षा की माँ के ताज़ की
बनी रानी भारत राज की
देश आज़ाद हुआ अपना
वर्षों से था जो इक सपना
माँ ने कितने बेटे खोए
बिन स्वारथ के जो जा सोए
अच्छे- बुरे हम जैसे भी हैं
क्या कम? हम भारतवासी हैं
सर उँचा रहता है अपना आज
क्योंकि अपना है देश आज़ाद
भारत माता है महारानी
हमें स्मरण है वीरों की कुर्बानी
जो इस पर नज़र उठाएगा
वो हमसे नहीँ बच पाएगा
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गणतंत्र दिवस की सभी भारतियों को हार्दिक बधाई
भारत माता की जय , वंदे मातरम ,जय हिंद
6 पाठकों का कहना है :
Udan Tashtari का कहना है कि -
गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.
January 25, 2009 5:22 PM
शोभा का कहना है कि -
सीमा जी
बहुत सुन्दर कविता और संदेश है। गणतंत्र दिवस की बधाई
January 25, 2009 6:14 PM
मोहन वशिष्ठ का कहना है कि -
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
बहुत सुंदर कविता एक मैंने भी लिखी है कृप्या देखिएगा जरूर
January 25, 2009 6:43 PM
संगीता पुरी का कहना है कि -
बहुत सुंदर कविता..........गणतंत्र दिवस की बहुत बहुत बधाई।
January 25, 2009 10:38 PM
neelam का कहना है कि -
भारत माता है महारानी
हमें स्मरण है वीरों की कुर्बानी
जो इस पर नज़र उठाएगा
वो हमसे नहीँ बच पाएगा
वीर भाव को जगाने वाली पंक्तियों के साथ हम भी बस इतना ही कहना चाहेंगे ,भारत माता की जय
January 27, 2009 10:31 AM
आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' का कहना है कि -
भावपूर्ण मन को छूती पद्य रचना.
आपके इस सुन्दर गीत को नमन! जय भारत माँ!
जवाब देंहटाएं---आपका हार्दिक स्वागत है
गुलाबी कोंपलें
देश आज़ाद हुआ अपना
जवाब देंहटाएंवर्षों से था जो इक सपना
माँ ने कितने बेटे खोए
बिन स्वारथ के जो जा सोए
वाह जी वाह बेहतरीन कविता पेश की है आपने
जय हिंद जय भारत
bahut sundar.
जवाब देंहटाएंdhanyawaad