बच्चे मन के सच्चे ,यह सदाबहार गीत हम तब से सुनते आ रहे है ,जब हम बहुत छोटे थे ,बिल्कुल आप जैसे आज भी यह गीत उतना ही मधुर लगता है जितना तब लगता था , आज बहुत देर बाद यह गीत फ़िर से सुना तो अपने बचपन की यादें ताज़ा हो आई ,तो सोचा आपको भी क्यों न यह प्यारा सा गीत सुनाया जाए
8 पाठकों का कहना है :
neelam का कहना है कि -
सीमा जी ,सुबह सुबह इतना बढ़िया तोहफा बच्चों को ,हमने भी भरपूर मजा लिया एक गाना बहुत दिनों से देखना चाहता थे "मास्टर जी की आ गई चिट्ठी " किताब फ़िल्म से वो भी देखने को मिल गया बहुत .बहुत मजा आया ,हम ताली बजा रहे हैं ,सच्ची में बहुत मजा आया हमे ,धन्यवाद धिन तकताका धूम ,धिन तकताका धूम आज तो बस यही गाना घूमता रहेगा ,आप सभी लोग सुनिए ,और पहुँच जाएँ अपने बचपन में
February 4, 2009 11:12 AM
manu का कहना है कि -
chhoti si nitu singh...do choti waali ....kitaa achha lag rahaa hai........politics se hatkar kitni suhaani hoti hai bachchon ki duniyaa..
February 4, 2009 11:22 AM
pakhi का कहना है कि -
seema aunty aapne bahut acchi vedio dikhayi , thank you!
February 4, 2009 3:30 PM
सीमा सचदेव का कहना है कि -
पाखी बेटा बहुत धन्यवाद आजतक की सभीटिप्पणियों में से आपकी प्रतिक्रिया देखकर मुझे बहुत अच्छा लगा आपने यह विडियो देखा तो निश्चय ही आप बाल-उद्यान की निअमित पाठिका होंगी शायद आप वही पाखी है न नीलम जी की उम्मीद बालउद्यान पर किसी एक बच्चे की प्रतिक्रिया देखकर लगता है ,हमारी मेहनत का फल मिल गया खूब मन लगा के पढ़ना और हमारी तरफ़ से ढेरों आशीष और शुभकामनाएं
February 4, 2009 5:42 PM
rachana का कहना है कि -
सीमा जी आप को जान के आश्चर्य होगा की मेरा बेटा जो अभी २ साल का है उस का ये बहुत ही पसंदीदा गाना है कहता है बच्चे सच्चे लगाओ .उस को बताया की से सीमा आंटी ने भेजा है तो कहता है थैंक यू आंटी रचना
February 4, 2009 7:58 PM
तपन शर्मा का कहना है कि -
बचपन याद दिला दिया आपने सीमा जी...इस दुनिया में शायद ही कोई होगा जिसे बचपन की याद न आती होगी...
February 7, 2009 12:00 AM
भूपेन्द्र राघव । Bhupendra Raghav का कहना है कि -
बड़ा सलौना, नाजुक, प्यारा, सुन्दर, सा मनभोला भाला नटखट सा होता है बचपन....एक शाम मै छत पर बैठा था यूँ अकेला...सहसा बचपन की यादों के आकर घेरा...बोली जब से तरुण हुए हो भूल गये होमुझे मेरी ये कविता याद अनायास याद आ गयी इतना भाव-विव्हल वीडियों देखकर...बहुत अच्छा लगा .. आपका बहुत बहुत धन्यवाद
February 9, 2009 2:53 PM
सीमा सचदेव का कहना है कि -
रचना जी नन्हे-मुन्ने को ढेर सारा प्यार और शुभ कामनाएं मेरा बेटा जो तीन साल का है वो भी यही कहता है सच में बचपन कितना भोला ,प्यारा ,मासूम होता है न
February 9, 2009 5:35 PM
bahut badia
जवाब देंहटाएंआप सादर आमंत्रित हैं, आनन्द बक्षी की गीत जीवनी का दूसरा भाग पढ़ें और अपनी राय दें!
जवाब देंहटाएंदूसरा भाग | पहला भाग
सच सीमा जी,बचपन और पाठशाला के दिन याद आ गए याद दिलाने और गीत उपलब्ध कराने के किए आभार.
जवाब देंहटाएं- विजय
vakai sahi kaha aapne.......yah geet aaj bhi utna hi manmohak lagta hai sunane me..
जवाब देंहटाएंek nanhe man ka blog dekhe...
http://chulbulrashmitoons.blogspot.com/
bachapan me aakar man bhav vibhor ho gya. narayan narayan
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