
अंतर्मन की शुद्धि से मिट जाते सब पाप
अपनी भूलों पर करें, दिल से पश्चाताप
दिल से पश्चाताप,करें संताप मिटायें.
त्रुटि का करें सुधार , क्षमा का संबल पाएं
कह सीमा कर स्नेह सभी से जो हों सज्जन
द्वेष न किंचित करें , शुद्ध रखें अंतर्मन
महावीर ज्यंती की आप सबको हार्दिक बधाई एवम शुभ-कामनाएं
इसमें सुधार कर विशेष सहयोग के देने लिए आचार्य संजीव वर्मा सलिल जी की आभारी हूँ
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