बिटिया रानी
आसमान से उतरी है वो
ज्यों परियों की रानी
ठुमक ठुमक कर चलती है वो
जैसे गुडिया जापानी
छोटी सी वो गोल मटोल
प्यारे मीठे उसके बोल्
बातें करते तुतलाती है
फिर मँद मँद मुस्काती है
हँसे खेले धूम मचाये
है वो बडी सयानी
जब खाने की बारी आये
तो करती है मनमानी
दाल भात उसे ना भाये
फल सब्जी से मुँह चुराये
जब देखे वो दूध की बोतल
झट से पुस्सी कैट बन जाये
हँसती है वो फूलों जैसे
कलियों जैसे मुस्काती है
नयी शरारत कर के वो
बुलबुल से इतराती है
नेट पर देख के नाना नानी
उसकी प्यारी सी अदायें
सात समन्दर पार वो बैठे
देख उसे बहुत हर्षायेँ
मम्मी की वो लाडली
पापा की है मानो जान
ऐसी प्यारी से बेटी को
सब खुशियाँ देना भगवान
बच्चो दूध मलाई खाओ
फल सबजी से ना मुँह चुराओ
अगर अच्छा होगा खान पान
तभी बनोगे तुम महान
आसमान से उतरी है वो
ज्यों परियों की रानी
ठुमक ठुमक कर चलती है वो
जैसे गुडिया जापानी
छोटी सी वो गोल मटोल
प्यारे मीठे उसके बोल्
बातें करते तुतलाती है
फिर मँद मँद मुस्काती है
हँसे खेले धूम मचाये
है वो बडी सयानी
जब खाने की बारी आये
तो करती है मनमानी
दाल भात उसे ना भाये
फल सब्जी से मुँह चुराये
जब देखे वो दूध की बोतल
झट से पुस्सी कैट बन जाये
हँसती है वो फूलों जैसे
कलियों जैसे मुस्काती है
नयी शरारत कर के वो
बुलबुल से इतराती है
नेट पर देख के नाना नानी
उसकी प्यारी सी अदायें
सात समन्दर पार वो बैठे
देख उसे बहुत हर्षायेँ
मम्मी की वो लाडली
पापा की है मानो जान
ऐसी प्यारी से बेटी को
सब खुशियाँ देना भगवान
बच्चो दूध मलाई खाओ
फल सबजी से ना मुँह चुराओ
अगर अच्छा होगा खान पान
तभी बनोगे तुम महान
बहुत बढ़िया रचना!!
जवाब देंहटाएंसुंदर गीत!
जवाब देंहटाएंठुमक-ठुमककर चलनेवाली,
जवाब देंहटाएंबिटिया रानी सुंदर होगी!
आसमान से जो उतरी है,
मुस्काती वह सुंदर होगी!
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बिटिया की लीलाओं का
मनोहारी वर्णन किया गया है
इस कविता में!
उस मोहक परी का
फोटो भी दिखाइए न!
बचपन:- यह शब्द हमारे सामने नन्हे-मुन्नों की एक ऐसी तस्वीर खिंचता हैं, जिनके हृदय में निर्मलता, ऑखों में कुछ भी कर गुजरने का विश्वास और क्रिया-कलापो में कुछ शरारत तो कुछ बडों के लिए भी अनुकरणीय करतब।
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