क्या आपको पता है कि आज विश्व पर्यावरण दिवस है । आज पर्यावरण की संभाल हमारी पहली आवश्यक्ता बन गई है । अगर इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो हमें न जाने किन-किन समस्याओं से जूझना पडेगा । तो आओ:-
मिलकर कारवां बनाएं ,
अपना पर्यावरण बचाएं
मैने एक भयानक सपना देखा जो आपको भी सुनाती हूं । इससे पहले कि यह सपना सच हो हम जाग जाएं , और समय रहते पर्यावरण बचाएं
एक सपना

रात को सोते हुए अचानक
देखा सपना एक भयानक
आओ मैं तुम सबको बताऊँ
सत्य से परिचय करवाऊँ
सूखी धरा प्यासे लोग
सभी को कोई न कोई रोग
चलते मुँह पर रखके रुमाल
सूखे पानी के सब ताल
नहीं था खाने को शुद्ध खाना
न पक्षियों के लिए ही दाना
ऑक्सीजन के भरे सिलेण्डर
रखे हुए थे सब कंधों पर
सारे दिखे कुली के जैसे
चलते-फिरते मरीज़ों जैसे
बडा भयानक था वो मंजर
देख के मैं तो गई थी डर
फिर एक किरण की सुनी पुकार
बोली मन में करो विचार
मानव की गलती का ही फल
जो नहीं मिलता है शुद्ध जल
काटता रहता मानव पेड़
करता प्रकृति से छेड़
तभी तो शुद्ध नहीं है वायु
कम हो गई मानव की आयु
न तो शुद्ध मिलता है खाना
न पक्षियों के लिए ही दाना
पर जो थोड़ा करो विचार
हो सकता है इनमें सुधार
इक-इक वृक्ष जो सभी लगाएँ
तो यह वातावरण बच जाए
वायु तो शुद्ध हो जाएगी
धरा पे हरियाली आएगी
खाने को होंगे मीठे फल
बादल बरसाएगा स्वच्छ जल
होंगे नहीं भयानक रोग
खुश रहेंगे सारे लोग
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आओ हम सब वृक्ष लगाएँ
अपना पर्यावरण बचाएँ
ऐसे दे हम सब सहयोग
मिटाएँ प्रदूषण का रोग
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अपील- पर्यावरण की संभाल हमारी नैतिक जिम्मेदारी है ,
आओ मिलकर यह जिम्मेदारी निभाएं
वातावरण को स्वस्थ बनाएं
बहुत अच्छी कविता है,
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर कविता है शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर सपना है।
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
I'll start planting very soon.
जवाब देंहटाएंसपना बहुत सुंदर है,
जवाब देंहटाएंपर एक दिन पहले दिखाई देने लगा!
पर्यावरण-दिवस आज नहीं कल (5 जून)है!