हंगामा मच गया गांव में,
जब आया एक सरकस,
मुन्नी गुड्डू मां से बोले,
हमें दिखाओ सरकस।
बैठ के इक्के पर सब पहुंचे,
जहां लगा था सरकस,
लिया टिकट और लगे देखने,
सब बच्चे फ़िर सरकस।
भीड़ देख कर शेर दहाड़ा,
नहीं दिखाना सरकस,
शेर के पीछे सभी जानवर,
छोड़ चले फ़िर सरकस।
हंगामा मच गया गांव में,
जब आया एक सरकस।
00000000
हेमन्त कुमार
जब आया एक सरकस,
मुन्नी गुड्डू मां से बोले,
हमें दिखाओ सरकस।
बैठ के इक्के पर सब पहुंचे,
जहां लगा था सरकस,
लिया टिकट और लगे देखने,
सब बच्चे फ़िर सरकस।
भीड़ देख कर शेर दहाड़ा,
नहीं दिखाना सरकस,
शेर के पीछे सभी जानवर,
छोड़ चले फ़िर सरकस।
हंगामा मच गया गांव में,
जब आया एक सरकस।
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हेमन्त कुमार
khoob bhali लगी शब्दों की sarkas........
जवाब देंहटाएंmajaa aa gayaa SARKAS ke SHER ka yoo bhaagna dekhkar , aakhir unhe bhi to marji aur aazaadi se jeene ka hak hai aur maanav hai ki apne svaarath hetu jaanvaro ka pryog karta hai . kuch din pahle hamne bhi sarkas par ek kavita likhi aur fir jeev bachaao abhiyaan par kavita likh jaanvro ke surksha aur smbhaal ke liye JEEV BACHAAO ABHIYAAN chalaayaa tha , aapki yah kavita us abhiyaan ka hissa ban gaee hai NANHAMAN me . bahut bahut DHANYAVAAD . seema sachdev
जवाब देंहटाएंमजेदार.
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