खास खबर इक मै लाई

सुनकर तुम होगे हैरान
बचगी अब न अपनी जान
जगह-जगह पर हुई सफ़ाई
नही रहा कहीं गंदा
अब न फ़ले-फ़ूलेगा भाई
तेरा मेरा धन्धा
पानी को सब ढक कर रखते
पानी को भी बंद
घर के बाहर भी न दिखता
नाली में भी गंद
गंदा पानी कहीं न ठहरे
लग गए हैं गंदगी पर पहरे
बोलो अब कहां जाएंगे
कहां रहेंगे क्या खाएंगे
कैसे फ़ैलेगी बीमारी
न फ़ैलेगी कोई महामारी
खत्म हो गया अब तो भैया
तेरा मेरा खेल
अब कैसे हो पाएगा अपना
बीमारी से मेल
लगता मौत निकट आई है
नहीं तेरा मेरा जीवन
बोलो भाई अब क्या करेंगे
क्या कहता है तेरा मन
मक्खी की आंखें भर आईं
देने लगी दुहाई
मच्छर के सर पर भी सुनकर
नई मुसीबत आई
बोला मच्छर मक्खी बहना

सच है तेरा कहना
जाने क्यों इन सबने सीखा
साफ़-सफ़ाई में रहना
गंदगी का कर दिया सफ़ाया
कचरा घर से हटाया
हम तुम दोनों बाहर निकाले
बीमारी को भगाया
चलो कहीं अब दूर देश में
जाकर डालें डेरा
साफ़-सफ़ाई पर तो अपना
जोगी वाला फ़ेरा
चलो कहीं अब जाकर ढूंढें
फ़िर से गंदा माल
वहां पहुंच्कर फ़िर से हम-तुम
करेंगे खूब धमाल
यहां तो अब न गलने वाली
तेरी मेरी दाल
गंदगी नहीं तो नहीं चलेगी
कोई भी अपनी चाल
उड गए दोनों मक्खी मच्छर
लिए बीमारी साथ
बच्चो तुम भी हर दम रखना
सुथरे अपने हाथ
धोकर हाथ ही खाना खाना
गंदगी न फ़ैलाना
गंदा करके आस-पास
बीमारी को न बुलाना
साफ़ सफ़ाई रखोगे तो
नहीं होगे बीमार
खुश बच्चों से ही रहता है
सारा सुखी परिवार
Sundar seekh di apne...aisi kavitayen dil ko bhati hai.
जवाब देंहटाएंWishing u happy icecream day..See my new Post on "Icecrem Day" at "Pakhi ki duniya" .
अच्छा और सन्देश परक बालगीत ...बच्चों को पसंद आयेगा .
जवाब देंहटाएंहेमंत कुमार