'भटा' या कि 'भांटा' कहो, नहीं घटेगी प्रीत..
आलू मेरा यार है, मन भायी है सेम.
साथ हमारा अनूठा, जैसे साहब-मेम..
काला नीला बैगनी, भाता रंग सफ़ेद.
हिलमिल रहता सभी संग, यही खुशी का भेद..
कर उपास दुबला बनूँ, खाकर गोल-मटोल.
उगूँ कछारों में लगूँ, छोटा-मोटा ढोल..
कट जाता हूँ मौन रह, खाओ तल या भून.
ना मैं आँसू बहाता, नहीं बहाता खून..
भीतर से हूँ नर्म मैं, आता सबके काम.
भेदभाव करता नहीं, भला करेंगे राम..
तुरत पकायें या सुखा, जैसा भाये स्वाद.
ऊगूँ क्यारी-खेत में, दो या मत दो खाद..
मिर्ची-लहसुन संग रुचे, भर्ता बाटी दाल.
फलने दो तोड़ो नहीं, कहती माटी-धूल..
शादी की पंगत सभी, मेरे बिन बेहाल..
'थाली का बैगन' कहें, लोग न आती लाज.
सांसद हूँ सब्जियों का, करता सब पर राज..
मित्र टमाटर को मिला नन्हा सिर पर ताज.
मेरे सिर का ताज है, बड़ा- कहो सरताज..
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दिव्यनर्मदा.ब्लागस्पाट.कॉम
बेहतरीन कविता, बैंगन के बारे सरस भाषा में ढेर-सारी जानकारी..वाकई में बैंगन सब्जियों का सांसद है...."
जवाब देंहटाएंab to bengan khana hi padega hume bhi..ha ha ...ha..bht pyari kavita...baalma ko supurd...nice work
जवाब देंहटाएंबैगन का ऐसा चरित्र चित्रण लाजवाब है मजा आ गया
जवाब देंहटाएंhttp://madhavrai.blogspot.com/
Happy Mother day
जवाब देंहटाएंलाजवाब दोहे हैं .
जवाब देंहटाएंदोहे पढ़कर मन मस्त हो गया!
जवाब देंहटाएंये नन्हामन के बालपाठकों के बहुत बढ़िया लगेंगे!
बैगन पर मन आ गया, पूरी करिए चाह.
जवाब देंहटाएंसिंपल डिम्पल खाइए, जी भर कहिये 'वाह'.
अमृत घट बैंगन हुआ, करिए जी भर पान.
इस रसनिधि का स्वाद ले, बन जाएँ रसखान..
माधव को बैंगन रुचे, थैला भरकर लांय.
श्री राधा के साथ मिल, भर्ता-बाटी खांय.
मंजू जी ! खाकर भटे, चटखारे लें आप.
बाँटें दोहाकार सँग, नेह सकेगा व्याप..
ज्यों 'मयंक' नभ पर सजे, त्यों भू का सिंगार.
भटा आपको भा गया, ग्रहण करें सरकार..
दोहों में ही रच दिया, बैंगन का संसार।
जवाब देंहटाएंइसीलिये तो टिप्पणी, में भर आया प्यार।।
बैंगन के बारे में बहुत ही सुन्दर गीत !!
जवाब देंहटाएं____________________________
पाखी की दुनिया में 'मम्मी मेरी सबसे प्यारी' !
भरवाँ बैंगन बहुत सुंदर लगे!
जवाब देंहटाएं--
सबसे प्यारा होता है : अपनी माँ का मुखड़ा!
began ke baare itni detail se kabhi pada nahi aaj pada pad kar sirf achha hi nahi laga balki began ka swad yaad a gaya ......very tasty..
जवाब देंहटाएंपाखी से रवि ने कहा, सोनी को ले साथ.
जवाब देंहटाएंचलो भटा ले आयें हम, गह मयंक का हाथ..
बोला तुरत प्रियंक तब, मुझको भी लो संग.
वरना तुमको तंग कर, करूँ रंग में भंग..