एक बार जो भाई अच्छे काम करता था, वह जब मंदिर से घर आ रहा था तब उसके पैर में एक काँटा चुभ गया और दूसरी तरफ जो भाई बुरे काम करता था उसे एक मटका मिला, जिसमे एक सोने का बिस्कुट और बाकी सब कोयला भरा हुआ था! वह बहुत ख़ुशी ख़ुशी घर पहुंचा!
थोड़ी ही देर के बाद दूसरा भाई जो अच्छे काम करता था, अपने पैर में पट्टी बंधवाकर लंगड़ाता- लंगड़ाता घर पहुंचा!
जो भाई बुरे काम करता था वह दूसरे भाई को देख कर हंसने लगा और बोला कि देख मै तो रोज़ मंदिर भी नहीं जाता फिर भी मुझे सोने का बिस्कुट मिला और तू रोज़ मंदिर जाता है, इतने अच्छे -अच्छे काम करता है, फिर भी तेरे पैर में काँटा चुभ गया!
दुसरे भाई को उसकी बात सही लगी! उसने आगे से मंदिर कभी न जाने का फ़ैसला कर लिया । पहला भाई इसे अपनी जीत मान रहा था और अपने भाई के फ़ैसले पर बहुत खुश हुआ । दोनों भाई पहला खुशी के कारण और दूसरा दुखी होने के कारण सोचते-सोचते सो गए और दोनों को ही भगवान जी नें सपने में दर्शन दिए और दोनों को बताया कि जो भाई अच्छे काम करता है उसके पैर मै काँटा नहीं चुभना था, बल्कि उसकी तो बहुत बड़ी दुर्घटना होने वाली थी, जिसमे उसकी मृत्यु होनी थी, पर वह अच्छे -अच्छे काम करता था इसलिए उसके पैर में सिर्फ काँटा ही चुभा और दूसरा भाई जो बुरे काम करता था, उसे सिर्फ सोने का एक बिस्कुट ही नहीं मिलना था बल्कि सोने के बिस्कुटों से भरा हुआ पूरा मटका मिलना था पर उसके बुरे कामों की वजह से उसके पाप कोयले में बदलते गए और उसे सिर्फ सोने का एक ही बिस्कुट मिला!
यह सुनकर जो भाई बुरे काम करता था उसे अपनी गलती पर बहुत पछतावा हुआ!
इस कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है कि हमें हमेशा अच्छे काम करने चाहिए कभी भी बुरे काम नहीं करने चाहिए तथा जरूरत मंद लोगों की मदद करनी चाहिए!
"बहुत बेहतरीन कहानी...."
जवाब देंहटाएंसुन्दर ,भावपूर्ण
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