छोटे छोटे मेरे कपड़े
रग बिरंगे मेरे कपड़े
पर बापू अम्मा के कपड़े
मुझसे तो हैं बहुत बड़े।
छोटे छोटे-------------।
जब गन्दे हो जाते कपड़े
अम्मा करती उनको साफ़
कपड़े साफ़ पहन के भैया
दिल भी रहता सबका साफ़।
छोटे छोटे-------------।
ठण्ढ में पहनों ऊनी कपड़े
गर्मी में बस सूती कपड़े
बारिश में गीले हो जायें
सुखा लो धूप में सारे कपड़े।
छोटे छोटे मेरे कपड़े
रग बिरंगे मेरे कपड़े।
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हेमन्त कुमार
बहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंbahut hi badiya..
जवाब देंहटाएंA Silent Silence : tanha marne ki bhi himmat nahi
Banned Area News : Mia Michaels is going to start her own Bravo reality show
mast hai.. :)
जवाब देंहटाएंसुंदर बालगीत।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएं"छोटे छोटे मेरे कपड़े,रग बिरंगे मेरे कपड़े" बहुत ही सुन्दर प्रारंभिक पक्तियां। " बाल कविता के दायरे में अच्छी पर कुछ और भाव पूर्ण पंक्तियों की demand कर रही है, बहुत अच्छी बनने के लिये। बधाई ।
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