बाल मन की कोमलता को सँवारने का समवेत प्रयास है, यह ब्लॉग... नन्हा मन !
I like this poem...very nice !!!
दो अक्टूबर को जन्मे, दो भारत भाग्य विधाता। लालबहादुर-गांधी जी से, था जन-गण का नाता।। इनके चरणों में मैं, श्रद्धा से हूँ शीश झुकाता।।
mahatmaa ji ke jamndin ki badhaayi ...aapko bhi badhaayi...
सीमा जी,बहुत सुन्दर और संदेशपरक है आपका यह बालगीत--बापू और शास्त्री जी के जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनायें स्वीकारें।
कितनी सुंदर कविता है..... जो इतनी अच्छी बातें भी बता रही है......
सुंदर ,संदेशयुक्त प्रेरणात्मक कविता है .
बहुत सुन्दर शिक्षाप्रद रचना ...आभार नन्ही ब्लॉगर अनुष्का
कैसा लगा.. अच्छा या बुरा ?कुछ और भी चाहते हैं, आप..तो बताइये ना, हमें !
पढ़ने वाले भैय्या, अँकल जी और आँटी जी, आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल !आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल !आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! nanhaman@gmail.com पर मेरे लिये कुछ लिख भेजिये, ना ..प्लीज़ !
I like this poem...
जवाब देंहटाएंvery nice !!!
दो अक्टूबर को जन्मे,
जवाब देंहटाएंदो भारत भाग्य विधाता।
लालबहादुर-गांधी जी से,
था जन-गण का नाता।।
इनके चरणों में मैं,
श्रद्धा से हूँ शीश झुकाता।।
mahatmaa ji ke jamndin ki badhaayi ...
जवाब देंहटाएंaapko bhi badhaayi...
सीमा जी,बहुत सुन्दर और संदेशपरक है आपका यह बालगीत--बापू और शास्त्री जी के जन्मदिवस की हार्दिक शुभकामनायें स्वीकारें।
जवाब देंहटाएंकितनी सुंदर कविता है..... जो इतनी अच्छी बातें भी बता रही है......
जवाब देंहटाएंसुंदर ,संदेशयुक्त प्रेरणात्मक कविता है .
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर शिक्षाप्रद रचना ...आभार
जवाब देंहटाएंनन्ही ब्लॉगर
अनुष्का