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बाल गीत:
बरसे पानी
संजीव 'सलिल'
*
रिमझिम रिमझिम बरसे पानी.
आओ, हम कर लें मनमानी.
बड़े नासमझ कहते हमसे
मत भीगो यह है नादानी.
वे क्या जानें बहुतई अच्छा
लगे खेलना हमको पानी.
छाते में छिप नाव बहा ले.
जब तक देख बुलाये नानी.
कितनी सुन्दर धरा लग रही,
जैसे ओढ़े चूनर धानी.
काश कहीं झूला मिल जाता,
सुनते-गाते कजरी-बानी.
'सलिल' बालपन फिर मिल पाये.
बिसराऊँ सब अकल सयानी.
*
बरसे पानी
संजीव 'सलिल'
*
रिमझिम रिमझिम बरसे पानी.
आओ, हम कर लें मनमानी.
बड़े नासमझ कहते हमसे
मत भीगो यह है नादानी.
वे क्या जानें बहुतई अच्छा
लगे खेलना हमको पानी.
छाते में छिप नाव बहा ले.
जब तक देख बुलाये नानी.
कितनी सुन्दर धरा लग रही,
जैसे ओढ़े चूनर धानी.
काश कहीं झूला मिल जाता,
सुनते-गाते कजरी-बानी.
'सलिल' बालपन फिर मिल पाये.
बिसराऊँ सब अकल सयानी.
*
अच्छी लगी ये कविता....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना , खूबसूरत प्रस्तुति .
जवाब देंहटाएंस्वतन्त्रता दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ
कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारने का कष्ट करें
काश कहीं झूला मिल जाता,
जवाब देंहटाएंसुनते-गाते कजरी-बानी.
'सलिल' बालपन फिर मिल पाये.
बिसराऊँ सब अकल सयानी.
बहुत अच्छे भाव
नमस्कार....
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर लेख है आपकी बधाई स्वीकार करें
मैं आपके ब्लाग का फालोवर हूँ क्या आपको नहीं लगता की आपको भी मेरे ब्लाग में आकर अपनी सदस्यता का समावेश करना चाहिए मुझे बहुत प्रसन्नता होगी जब आप मेरे ब्लाग पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएँगे तो आपकी आगमन की आशा में........
आपका ब्लागर मित्र
नीलकमल वैष्णव "अनिश"
इस लिंक के द्वारा आप मेरे ब्लाग तक पहुँच सकते हैं धन्यवाद्
वहा से मेरे अन्य ब्लाग लिखा है वह क्लिक करके दुसरे ब्लागों पर भी जा सकते है धन्यवाद्
MITRA-MADHUR: ज्ञान की कुंजी ......
वे क्या जानें बहुतई अच्छा
जवाब देंहटाएंलगे खेलना हमको पानी.
छाते में छिप नाव बहा ले.
जब तक देख बुलाये नानी.
कितनी सुन्दर धरा लग रही,
जैसे ओढ़े चूनर धानी.
वाह बेहद पसंद आई ये कविता ।
बहुत सुंदर,
जवाब देंहटाएंआपको अग्रिम हिंदी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं. हमारी "मातृ भाषा" का दिन है तो आज से हम संकल्प करें की हम हमेशा इसकी मान रखेंगें...
जवाब देंहटाएंआप भी मेरे ब्लाग पर आये और मुझे अपने ब्लागर साथी बनने का मौका दे मुझे ज्वाइन करके या फालो करके आप निचे लिंक में क्लिक करके मेरे ब्लाग्स में पहुच जायेंगे जरुर आये और मेरे रचना पर अपने स्नेह जरुर दर्शाए...
BINDAAS_BAATEN कृपया यहाँ चटका लगाये
MADHUR VAANI कृपया यहाँ चटका लगाये
MITRA-MADHUR कृपया यहाँ चटका लगाये
namskar,,,,,,
जवाब देंहटाएंmain nai blogar hoon.aap logo ko pad kar achchha laga. kavita kafi sundar hai;
main apni ek kavita yahan likh rahi hoon,kripya padiye jaroor.........
KABHI CHAND SE KAHUNGI
KYON DOOR RAH KAR LALCHATE HO.
AB HAMEN KOI SHEEKH NA DO
KYOKI TUM BHI CHURATE HO
SURAJ SE ROSHANI CHURA KAR
AB BHOLE BHI MAT BANO
APNE SWARTH KE LIYE BURA KAM MAT KARO.
JAB TAK TUMHARI APNI ROSHANI NA HOGI
MERE SAMANE MAT AANA
TUMHARE AANE SE PAHLE MAIN SO JAOONGI
MERE JAGNNE SE PAHLE TUM CHALE JANA..!!
सच में बहुतई अच्छा लगा ...सब बच्चों को भ्रमर की तरफ से नवरात्री और विजय दशमी की ढेर सारी हार्दिक शुभ कामनाएं
जवाब देंहटाएंभ्रमर ५
वे क्या जानें बहुतई अच्छा
लगे खेलना हमको पानी.
छाते में छिप नाव बहा ले.
जब तक देख बुलाये नानी.
कितनी सुन्दर धरा लग रही,
जवाब देंहटाएंजैसे ओढ़े चूनर धानी.
बाल मन की सुन्दर प्रस्तुति .
bahut hi acchi rachna..
जवाब देंहटाएंसुंदर भाव बारिश की मीठी गंध
जवाब देंहटाएंसंजीव शर्मा सलिल जी..सुन्दर सीख --मनमोहक रचना ....बाल दिवस पर शुभ कामनाएं - हमारे सभी प्रिय बच्चों को भी बाल दिवस की बहुत ढेर सारी -इत्ती सी शुभ कामनाएं --रोशन करो इस जग को ये जहां तुम्हारा है -
जवाब देंहटाएंबहुत सारा प्यार
भ्रमर ५
बाल झरोखा सत्यम की दुनिया