बाल मन की कोमलता को सँवारने का समवेत प्रयास है, यह ब्लॉग... नन्हा मन !
बहुत सुंदर चित्रांकन किया गया है!कहानी लिखी जा सकती है!
धन्यवाद्!
एक दिन राजा ने अपने हाथी का वजन नापना चाहा मगर नांप नहीं पाया इस प्रयास में जब हाथी उसके ऊपर चढा तब जाकर उसे मालूम हुआ की हाथी बहुत भारी जानवर होता है ---देवेन्द्र पाण्डेय
हा हा हा हा...अच्छी कहानी है
कैसा लगा.. अच्छा या बुरा ?कुछ और भी चाहते हैं, आप..तो बताइये ना, हमें !
पढ़ने वाले भैय्या, अँकल जी और आँटी जी, आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल !आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल !आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! आप सब को नन्हें मन का नमस्ते.. प्रणाम.. सत श्री अकाल ! nanhaman@gmail.com पर मेरे लिये कुछ लिख भेजिये, ना ..प्लीज़ !
बहुत सुंदर चित्रांकन किया गया है!
जवाब देंहटाएंकहानी लिखी जा सकती है!
धन्यवाद्!
जवाब देंहटाएंएक दिन राजा ने अपने हाथी का वजन नापना चाहा मगर नांप नहीं पाया इस प्रयास में जब हाथी उसके ऊपर चढा तब जाकर उसे मालूम हुआ की हाथी बहुत भारी जानवर होता है
जवाब देंहटाएं---देवेन्द्र पाण्डेय
हा हा हा हा...
जवाब देंहटाएंअच्छी कहानी है