कल खूब अच्छे पकवान खाए ,अब हमारे पावन सम्बन्धों की बात भी की । आज है दीवाली का पाँचवाँ दिन और आज का दिन "भैया दूज" के नाम से जाना जाता है। इसको यम द्वितीया भी कहते है। यह त्योहार भाई-बहन के पवित्र प्यार का प्रतीक है इस दिन बहने भाई को टीका लगाती है और उसकी लम्बी आयु की कामना करती है इस दिन के साथ भी बहुत सी कथाएँ जुडी हैं। चलो मैं आपको बताती हूँ कि इस त्योहार के साथ कौन-कौन सी कथाएँ जुडी हैं :-१.यमराज-यमुना :-यमराज और यमुना दोनों सूर्यदेव की जुडवाँ सन्तान थे। यमुना जो कि एक पावन नदी में बदल गई और यमराज जिसको मृत्यु के देवता के नाम से जाना जाता है। कहते हैं एक बार यमुना ने अपने भाई यमराज को अपने घर बुलाया और उसकी आरती उतारी। यमराज ने खुश होकर अपनी बहन को उपहार दिए और वरदान दिया कि इस दिन जो भाई बहन के घर जाकर उसे उपहार देगा और बहन भाई का स्वागत करेगी तो उन्हें कभी यमराज ( मृत्यु ) का भय नहीं सताएगा। उस
दिन क्योंकि कार्तिक मास की द्वितीय तिथि थी इस लिए इसको यम-द्वितीया भी कहा जाता है।२.महाबलि-लक्ष्मी:- बच्चो, मैंने आपको "ओणम" की कहानी सुनाई थी कि कैसे विष्णु भगवान ने वामन रूप बना कर महाबलि राजा को पराजित किया था और उसे पाताल लोक भेज दिया था, बाद में उसे वर्ष में एक बार वापिस आने का वरदान भी दिया था। महाबलि ने एक वरदान और भी भगवान विष्णु से माँगा था कि वह पाताल लोक में जाकर हर घर में पहरेदार के रूप में हमेशा विराजमान रहे। भगवान विष्णु क्योंकि महाबलि को वरदान दे चुके थे, इस लिए उन्हें पाताल लोक में जाकर रहना पडा। यह बात श्री विष्णु पत्नी लक्ष्मी जी भला कैसे सह जाती? उन्होंने अपने पति को आज़ाद कराने का उपाय सोचा। श्रीलक्ष्मी जी एक गरीब औरत के रूप में महाबलि के पास गई और उसे अपना भाई बनाने का आग्रह किया। महाबलि ने उसे बहन स्वीकार कर लिया। लक्ष्मी जी ने महाबलि को टीका लगा कर एक बहन की तरह पूजा की और फिर जब महाबलि ने उनसे कुछ माँगने के लिए कहा तो लक्ष्मी जी ने भगवान विष्णु जी को आज़ाद करने का वरदान माँग लिया

३.श्री कृष्ण-सुभद्रा:- बच्चो, अभी मैंने दो दिन पहले आपको नरकासुर वध की कहानी भी सुनाई थी कि कैसे श्री-कृष्ण जी ने नरकासुर राक्षस का वध किया था। नरकासुर का वध करने के पश्चात श्री-कृष्ण जी सीधे अपनी बहन सुभद्रा के घर गए थे और उनकी बहन ने भाई को टीका लगाकर मिठाई और फूलों से खूब स्वागत किया था तब से यह त्योहार भैया दूज के रूप में मनाया जाता है.
४. बच्चो, इसको केवल हिन्दु धर्म में ही नहीं बल्कि जैन धर्म में भी मनाया जाता है दीवाली की जानकारी देते हुए मैंने आपको महावीर स्वामी जी के बारे में भी बताया था जब महावीर स्वामी घर-बार त्याग निर्वाण प्राप्ति हेतु निकल पड़े तो उनके भाई राजा नन्दीवर्धन जो कि अपने भाई महावीर स्वामी से बेहद प्यार करते थी, बहुत उदास हो उठे और अपने प्यारे भाई की कमी उनको खलने लगी तब उनकी बहन सुदर्शना ने अपने भाई को सहारा दिया था ।

बच्चो, यह कुछ कहानियाँ जो मैंने आपको बताई, बहन भाई के प्यार का प्रतीक है और हमें मिलजुल कर प्यार से रहने का सन्देश देते ये त्योहार या मनोरंजन के लिए नहीं बल्कि उनके पीछे छिपे सन्देशों को हमें अपने वास्तविक जीवन में अपनाना होगा तभी हम इस धरती पर स्वर्ग को भी बसा सकते है।
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भैया दूज की हार्दिक बधाई एवम शुभ-कामनाएँ सभी पाठकों को धन्यवाद......सीमा सचदेव
भैया दूज की हार्दिक बधाई एवम शुभ-कामनाएँ ..
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा लगा भाईदूज की बहुत बहुत बधाई और सभी बच्चोंको आशीर्वाद्
जवाब देंहटाएंबढ़िया जानकारियाँ हैं यह तो।
जवाब देंहटाएंभइया-दूज की शुभकामनाएँ!
दीप-पर्व के बारे में बच्चों के लिए ही नहीं, बड़ों के लिए भी बहुत अच्छी जानकारी दी गई है !
जवाब देंहटाएंसीमा जी ,
जवाब देंहटाएंदीवाली ,गोवर्धन पूजा और भैया दूज तीनों के बारे में अपने बच्चों को बहुत ही रोचक ढंग से बताया है .सबसे बड़ी और खास बात यह सभी लेख सरल भाषा और रोचक शैली में प्रस्तुत हैं ---बच्चों को इन्हें समझने में दिक्कत नहीं होगी .
हेमंत कुमार