आँखें छोटी सूप –से कान
दाँत हैं पैने –लम्बे ।
चले झूमते हाथी दादा
पैर हों मानो खम्बे ।
पकड़ सूँड से ऊँची डाली
पत्ते तोड़ है खाता ।
पानी पीता लकड़ी ढोता
पहुँच नदी में जाता ।
दाँत हैं पैने –लम्बे ।
चले झूमते हाथी दादा
पैर हों मानो खम्बे ।
पकड़ सूँड से ऊँची डाली
पत्ते तोड़ है खाता ।
पानी पीता लकड़ी ढोता
पहुँच नदी में जाता ।
कंबोज साहब का सुन्दर बाल गीत!
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