गधे नें बसता एक लिया
विद्यालय में पहुंच गया
ए.बी.सी. जब बोली मिस
लिया वहां से गधा खिसक
विद्यालय में पहुंच गया
ए.बी.सी. जब बोली मिस
लिया वहां से गधा खिसक
मैडम को भी हो गया धोखा
पढकर घोडा शहर को आया
कुछ तो अपना नाम कमाया
पढकर घोडा शहर को आया
कुछ तो अपना नाम कमाया
किंतु अनपढ रहा गधा
ढोता रहता भार सदा
ढोता रहता भार सदा
गधे नें सीख लिया कंप्यूटर
मज़ा आ गया बेचारा गधा......."
जवाब देंहटाएंamitraghat.blogspot.com
nice...
जवाब देंहटाएंशायद ये कविता आप पूरी कर सकें....हमें ये कविता पूरी याद नहीं रही।
जवाब देंहटाएंबिल्ली बोली म्याउं म्याउं
दूध पियुं या चूहे खाउं
व्रत रखूं या संडे मनाउं
या डॉगी को खूब छकाउं
्बहुत सुन्दर और मनभावन बालगीत----बच्चों को पढ़कर मजा आयेगा।सीमा जी यदि आप अन्यथा न लें तो बसता को बस्ता कर लें। शुभकामनायें।
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