क्रोध कभी न कीजिए , मन को रखिए शीत
तो अरि भी बन जाएंगे , सच्चे मन के मीत
सच्चे मन के मीत , मिट जाएं कटु भाव
भर जाते जो बन गए , मन पर गहरे घाव
कह सीमा न लाईये कभी मन में प्रतिशोध
रह जाएगा प्रेम , जो मिट जाए क्रोध
तो अरि भी बन जाएंगे , सच्चे मन के मीत
सच्चे मन के मीत , मिट जाएं कटु भाव
भर जाते जो बन गए , मन पर गहरे घाव
कह सीमा न लाईये कभी मन में प्रतिशोध
रह जाएगा प्रेम , जो मिट जाए क्रोध
nice
जवाब देंहटाएंबढ़िया संदेश कुण्डली के माध्यम से.
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