हुआ यह कि, आज क्लिनिक से 4.30 पर लौटा तो देखता हूँ कि हमारी बच्चा पार्टी वैभव के लॉन में क्रिकेट खेल रही है । मुझे देखते ही जया चिल्लायी.. अ..चपन जीऽऽ
मैंने ज़वाब दिया, " हट गँदी, मैं तुम लोगों से नहीं बोलता ।" क्यॊं क्यॊं क्यॊं क्यॊं .. लीजिये साहब रिशी जी इतने परेशान हो गये कि, एकदम से क्यों-क्यों ही करने लग पड़े । मैंने कहा कि इत्ती धूप में खेल रहे हो, बीमार पड़ जाओगे तो ? और खेल भी क्या रहे हो, और कुछ नहीं तो क्रिकेट ?
अब रिशी जी खिसिया गये, " अरे हम लोग तो 10-10 खेल रहें हैं, बस कुछ ही देर का खेल है । इधर जया अपने कमर पर हाथ रख कर अपनी नाराजी जतायी.. अब यह भी ना खेलें तो क्या खेलें ? उधर रिशी जी ने मुझे अपनी समझ्दारी बतायी, " बड़े लोग 20-20 खेलते हैं, और हम लोग अभी छोटे हैं, तो बस 10-10 ही खेलते हैं । अपना छुटकू वैभव क्यों चुप रहे, वह बोला तलिये आप ही बता दीजिये कि.. कि.. कि जब आप बच्चे थे, तब आप लोग क्या खेलते थे ?
उसने यह ऎसे पूछा कि मुझे मज़ा आ गया, मैंने कहा, " ऒऎ मिकी माउस.. हम लोग जो खेलते थे, उसमें हमारे अपने गाने भी होते थे, वह खूब मज़ा देता था, उसमें कभी हारने या जीतने का झगड़ा ही नहीं होता था, और हम सब मज़े लगा लगा कर खूब हँसते भी थे । बच्चों ने मुझे ऎसे देखा कि जैसे मैं उनसे दुनिया का सबसे बड़ा झूठ बोल रहा हूँ । मैंने कहा, जरा ठहरो.. अभी फ़्रेश होकर आता हूँ, फिर बताऊँगा ।
नहीं अभी.. नहींऽऽऽऽ अब्भी, अब्भी छुनाइये, यह वैभव जी हैं !
सुनाऊँगा भाई सुनाऊँगा, अभी लौटता हूँ.. मैं झूठ नहीं कहता, सच्ची आज तो सुनाना ही है, आज 30 तारीख जो है
जल्दी सुनाओ...३० तारीख न निकल जाये!!
जवाब देंहटाएंमानवीय रिश्तों के महत्व और उसके व्यक्तिगत जीवन में महत्व को दर्शात, खूबसूरती से सूक्ष्म विवेचना करती हुई आपके इस रचना के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद /आशा है आप इसी तरह ब्लॉग की सार्थकता को बढ़ाने का काम आगे भी ,अपनी अच्छी सोच के साथ करते रहेंगे / ब्लॉग हम सब के सार्थक सोच और ईमानदारी भरे प्रयास से ही एक सशक्त सामानांतर मिडिया के रूप में स्थापित हो सकता है और इस देश को भ्रष्ट और लूटेरों से बचा सकता है /आशा है आप अपनी ओर से इसके लिए हर संभव प्रयास जरूर करेंगे /हम आपको अपने इस पोस्ट http://honestyprojectrealdemocracy.blogspot.com/2010/04/blog-post_16.html पर देश हित में १०० शब्दों में अपने बहुमूल्य विचार और सुझाव रखने के लिए आमंत्रित करते हैं / उम्दा विचारों को हमने सम्मानित करने की व्यवस्था भी कर रखा है / पिछले हफ्ते अजित गुप्ता जी उम्दा विचारों के लिए सम्मानित की गयी हैं /
जवाब देंहटाएंमेरा पसंदीदा गीत .. सुनना अच्छा लगा !!
जवाब देंहटाएं"बहुत अच्छे..."
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