सुबह की बातों में हो गयी शाम मैं कुछ ही पलों में लौटा, नन्हें मुन्ने बच्चे इँतज़ार जो कर रहे थे, सच्ची मुच्ची में उन सबकी मुट्ठियाँ बन्द ही थीं । आते ही मैंने लम्बी तान लगाई..
मछली जल की रानी है
जीवन उसका पानी है
हाथ लगाओ, डर जायेगी
बाहर निकालो मर जायेगी यह क्या, जया जी खिलखिला कर हँस रही हैं, " अरे यह तो हम पहले से जानते हैं ! कुछ और सुनाइये ..." मैं दुबारा से शुरु हो गया ।
झूठ बोलना पाप है
नदी किनारे साँप है
काली माई फिर आयेगी
झूठे को पकड़ ले जायेगी.. .. रिशी जी खुश हो गये," अरे यह तो मेरे सोनू मामा भी सुनाते थे ।" फिर तो मैं उन्हीं को चिढ़ा दिया, यह गाकर..
आलू कचालू बेटा कहाँ गये थे
बँदर की झोपड़ी में सो रहे थे
बँदर ने लात मारी, रो रहे थे
मम्मी ने पैसे दिये हँस रहे थे इस पर वैभव जी को बहुत मज़ा आया, औल औल.. औल भी सुनाइये. ! फिर मैं क्यों रुकता भला... अगर किसी बच्चे पर किताब या और भी कुछ चुराने का शक होता तो उसे देख देख हम सब गाते,
पोशन भाई ओ पोशन भाई
सौ रुपये की गाड़ी चुराई
अब तो ज़ेल में जाना पड़ेगा
जेल की रोटी खाना पड़ेगा
जेल का पानी पीना पड़ेगा
थई थुईया थुश्श्श
मदारी बाबा फुश्श लो यह देखो, सभी बच्चे धम्म से बैठ गये.. जैसे उन्हें कुछ और भी मज़ेदार मिलने वाला हो
घोड़ा, घोड़ा ज़माल खायी
ओ पीछे देखो मार खायी
बेचारा रास्ते में चलता था
टुक टुक टक टक दौड़ता था
उसकी चिट्ठी गिर गयी
किसी ने उठा ली
बड़े लाट को दे दी
लाट साहब ने
फाड़-फूड़ फाड़-फूड़
फाड़-फूड़ फाड़-फूड़ फेंक दी .. .. उसके बाद तो हम ऎसा हँसते थे, ऎसा हँसते थे, कि क्या बतायें कैसा हँसते थे, बस समझो कि हँसते ही रहते थे । मेरी बात सुन कर बच्चे भी हँस पड़े । मैंने कहा.. अरे सुनो तो, अगर कोई जन किसी का टिफ़िन चोरी करके खा लेता, तो हम दो गुट बना कर उसे बोर करते करते रुला देते, उसे देख देख बस यही गाते रहते
मेरी रोटी किसने खायी
भालू ने
भालू तो मेरे साथ था
फिर हाथी ने
हाथी तो मेरे साथ था
फिर शेर ने
शेर तो मेरे साथ था
फिर ? फिर ... इसनेऽऽ इस बात पर बच्चे हँस रहे थे कि मुझे एक गीत और याद आया, उन दिनों खूब चला था
ताक धिनाधिन
ताल मिला लो
हँसते जाओ
गोरे-गोरे
थाल-कटोरे
लो चमकाओ ।
चकला-बेलन
मिलकर बेले
फूल फुलकिया
अम्मां तेरी
खूब फुलाओ ।
भैया आओ
मीठी-मीठी
अम्मां को भी
यहां बुलाओ
प्यारी अम्मां
सबने खाया
अब तो खाओ । यह वाली शायद उनको अच्छी न लगी, सब सीरियस जो हो गये थे । मैं समझ गया, सोचा इनको हँसाना चाहिये.. कैसे ? कैसे ? कैसे.. अरे हाँऽऽ, जब हम स्कूल के निकलते थे, तो पैदल पैदल जाना होता था, ऑन फुट ! एक निकलता, किसी से कुट्टी हो तो और बात थी, वरना रास्ते में जिसका भी घर पड़ता सबको इकट्ठा करता चलता.. हम तरह हम 1 से 11 होते जाते । अगर किसी बच्चे कहला दिया कि आज स्कूल नहीं जायेंगे, फिर हम खूब मज़ा लगाते, एक जन उस दिन का नाम जोर से बोलता, जैसे..
आज सोमवार है
चूहे को बुखार है
चूहा जायेगा डाक्टर के पास
डाक्टर कहेगा धीरे लो साँस
डाक्टर लगायेगा स्सूईई
चूहा बोलेगा हाय ऊईई .. बच्चा पार्टी को मज़ा आ रहा था, इधर मुझे देर भी हो रही थी, समीर अँकल, अरे वही.. उड़न तश्तरी वाले ने सुबह कह दिया है, कि उन्हें तीस को यह सब रिपोर्ट चाहिये.. मैं सामने से डेढ़ दाँत वाली नन्हीं जया को छेड़ कर झटपट घर में घुस गया !
तितली उड़ी, बस में चढ़ी
सीट ना मिली, रोने लगी
ड्राइवर ने कहा, आ बैठ मेरे पास
तितली बोली उँह चल हट बदमाश बच्चों के मुँह से एक साथ निकला हाय अचपन जी, अब्भी नहीं अब्भी नहीं.. बस एक और, वैभव भी बोला "बछ एक औल छुना दीजिये ना !"
फिर तो मैंनें खिड़की से ही झाँक कर कहा
जल्दी करो, जल्दी करो
आज तुम पढ़ाई
मेला जाना है, पर
थोड़ी सी चढ़ाई
थोड़ी सी चढ़ाई
वहाँ होगा बंदर का नाच
डुग डुग डुग, डुग डुग डुग
और होगा भालू का नाच
डुग डुग डुग, डुग डुग डुग
फेल हुये तो तुम नाचोगे
डुग डुग डुग, डुग डुग डुग
तुम्हें देख कर बंदर भालू
और हम बजायेंगे ताली
क्लैप क्लैप क्लैप ! क्लैप क्लैप क्लैप !
क्लैप क्लैप क्लैप ! क्लैप क्लैप क्लैप !
नन्हा मन
बच्चों, बहुत खोजबीन के बाद, अचपन जी ने नन्हा मन पर उड़न तश्तरी उतारने में सफलता पाई ! देखा ? तो.. सी-बॉक्स में अपनी प्रतिक्रिया दो !
30 अप्रैल 2010
सच्ची मुच्ची उनकी मुट्ठियाँ बन्द ही थीं
इनमें देखो :
अचपन जी की बातें,
खेल गीत,
डा. अमर कुमार,
बचपन के गीत
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जवाब देंहटाएंवाह... बचपन मे धकेल दिया फिर से... बाहर आना अच्छा नहीं लग रहा अब...
जवाब देंहटाएंसमीर अंकल को भी अपना बचपन याद आ गया आज!!
जवाब देंहटाएंkash main fir se choti ho jau aur main bhi gaou
जवाब देंहटाएं"chidiya boli kut kut kut
mujhko chaiye do biskut
dudh malai rakhi hai
lekin usme makkhi hai
kaise kahu kaise kahu
aaj chlo bhuki so jau"
"choti si munni laal gulabi chunni
tille wala suit kale kale boot
LKG main padti hai sabko tata karti hai"
LOVE U kids uhi dhamaal machate raho........