नमस्कार बच्चो ,
आज से आप पढेंगे बाल-उपन्यास काव्य शैली में चूचू और चिण्टी ।
चूचू और चिण्टी की यारी
जोडी कितनी प्यारी -प्यारी
दोनों छोटे नन्हे बच्चे
पर थोडे से अक्ल के कच्चे
चूचू हर पल करे शैतानी
चिण्टी चूचू की भी नानी
चिण्टी जब भी सोने जाए
चूचू उसको बडा सताए
जाकर उसके कान खुजाता
और फ़िर धीरे से छुप जाता
भाग जाए कभी च्यूंटी काट
कभी पीठ पर मारे लात
देता उस पर पानी डाल
कभी खींचता उसके गाल
उसे चिढाने में मजा आए
चिंटी को निद्रा से जगाए
चिंटी उसके पीछे भागे
तो घर वाले सारे जागें
मच जाए घर में ऐसे शोर
आया हो ज्यों कोई चोर
धमा चौंकडी और हो हल्ला
लगे पकडने पूरा मुहल्ला
"बहुत मज़ेदार है ये काव्यात्मक उपन्यास..."
जवाब देंहटाएंये तो बहुत अच्छा है...
जवाब देंहटाएंसीमा जी,
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी कविता लिखी है...
चूचू और चिण्टी ....
चूचू हर पल करे शैतानी
चिण्टी चूचू की भी नानी....
क्या बात है दोनों की...
शरार्त न करें तो बच्चे कौन कहलाए ?
सीमा जी आप का ( अम्बाला वालों का) शब्दों के उजाला ( बरनाला वालों के) बलॉग पर आना अच्छा लगा ।
एक और बलॉग बनाया है....'हिन्दी हाइकु'
लिंक है......
http://hindihaiku.wordpress.com
ई-मेल है....hindihaiku@gmail.com
समय निकाल कर कभी आना ....
आप का और आप के हाइकु का इन्तजार रहेगा ।
हरदीप
आप बहुत बहुत अच्छा और मनोरंजक लिखती है I काश मै भी आप जैसा लिख पाती
जवाब देंहटाएंमंजरी शुक्ल
manjarisblog.blogspot.com