अप्पू
एक था अप्पू बडा ही गप्पू
माँ को बडा सताता था
पढता लिखता कभी नही
सब से झगडता रहता था
जब आते थे पेपर उसके
सिर पकड कर रोता था
इक दिन टीचर ने समझाया
प्यार से अपने पास बिठाया
जो पढने मे पीछे रहते हैं
सब उसको बुद्धू कहते हैं
कोई ना उनसे करता प्यार
सब उसको देते धिक्कार
गर सबका मानोगे कहना
अनुसाशन मे सीखोगे रहना
जो तुम अच्छे काम करोगे
कठिनाई से नहीं डरोगे
रोज़ स्कूल को जाओगे
मां को नहीं सताओगे
तो तुम अच्छे बन जाओगे
जग मे नाम कमाओगे
टीचर की सीख ने दिया सुधार
अब सारे करते हैं उससे प्यार
एक था अप्पू बडा ही गप्पू
माँ को बडा सताता था
पढता लिखता कभी नही
सब से झगडता रहता था
जब आते थे पेपर उसके
सिर पकड कर रोता था
इक दिन टीचर ने समझाया
प्यार से अपने पास बिठाया
जो पढने मे पीछे रहते हैं
सब उसको बुद्धू कहते हैं
कोई ना उनसे करता प्यार
सब उसको देते धिक्कार
गर सबका मानोगे कहना
अनुसाशन मे सीखोगे रहना
जो तुम अच्छे काम करोगे
कठिनाई से नहीं डरोगे
रोज़ स्कूल को जाओगे
मां को नहीं सताओगे
तो तुम अच्छे बन जाओगे
जग मे नाम कमाओगे
टीचर की सीख ने दिया सुधार
अब सारे करते हैं उससे प्यार
बहुत सही अप्पू!!
जवाब देंहटाएंbahut hi badhiya... jaise mere bete ki baat apane likh di.. :)
जवाब देंहटाएंसुन्दर।
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
rochak , prabhaavi aur shikshaprad baal-katha ke liye bahut-bahut badhaaii
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